बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 दर्शनशास्त्र बीए सेमेस्टर-3 दर्शनशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-3 दर्शनशास्त्र : सर्ल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- टेलीलॉजिकल नैतिकता और कर्तव्य आधारित नैतिकता का क्या अर्थ है? इन दोनों में अन्तर बताइए।
उत्तर -
दूरसंचार नैतिकता का अर्थ -
दूरसंचार नैतिकता एक सिद्धान्त है जिसके अनुसार किसी कार्य की सत्यता उसके परिणाम से निर्धारित होती है। वास्तव में, टेलीलॉजिकल ग्रीक शब्द 'टेलोस' से बना है, जिसका अर्थ है अन्त या लक्ष्य और 'लोगो' का अर्थ विज्ञान है। इस प्रकार, दूरसंचार सिद्धान्त कार्यों के परिणामों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, दूसरे शब्दों में, यह सिद्ध करता है कि हमारे कार्यों का नैतिक रूप से सही या गलत होना, उत्पन्न अच्छे या बुरे पर निर्भर करता है। इस प्रकार एक टेलीलॉजिस्ट इसके परिणामों की जाँच करके किसी चीज के उद्देश्य को समझने का प्रयास करेगा। वह उसी कार्य को अच्छा मानता है जो अच्छे परिणाम देता है और जो कार्य बुरा होता है यदि वह बुरा परिणाम देता है। इसके अलावा, यह एक परिणामी सिद्धान्त है क्योंकि एक नैतिक अधिकार या नैतिक क्रिया के परिणाम पर निर्भर है। इस प्रकार दूरसंचार नैतिकता से परिणाम नैतिक निर्णय को संचालित करते हैं। उदाहरण के लिए ज्यादातर लोगों का मानना है कि झूठ बोलना गलत है, लेकिन अगर झूठ बोलने से कोई नुकसान नहीं होता है और किसी व्यक्ति को खुश करने या किसी को बचाने में मदद मिलती है, तो टेलीलॉजिकल नैतिकता में यह बात सत्य होगी।
कर्त्तव्य वैज्ञानिक नैतिकता का अर्थ
कर्तव्य वैज्ञानिक नैतिकता (Deontological) नैतिकता के लिए एक दृष्टिकोण है जो इसके बजाय स्वयं कार्यों की सत्यता या असत्यता पर परिणामों या अन्य विचारों की जाँच करने के केन्द्रित है। इस प्रकार यह एक गैर-परिणामी सिद्धान्त है क्योंकि कोई कार्य अच्छा है या बुरा, इसका निर्णय उसके परिणाम पर निर्भर नहीं करता है। धर्मशास्त्र में व्यक्ति को नियमों का पालन करने और कर्त्तव्य पालन करने की आवश्यकता होती है। यह व्यक्तिपरता व अनिश्चितता से दूर है। मान लीजिए आपके मित्र नें आपको कोई उपहार दिया लेकिन आपको वह उपहार पसन्द नहीं है और वह जानना चाहता है कि आपको वह उपहार पसन्द है या नहीं। यदि आप मानते हैं कि झूठ बोलना हमेशा बुरा होता है, चाहे परिणाम कोई भी हो, आप सच कहेंगे कि आपको वह उपहार पसन्द नहीं भले ही उसे यह कितना भी बुरा क्यों न लगे अर्थात् इसका परिणाम कुछ भी हो। इस प्रकार deontology का अर्थ है कि क्या सही है और क्या गलत है यह निर्धारित करते समय आपके कार्यों के संभावित परिणाम की अवहेलना करना।
दूरसंचार नैतिकता एवं कर्त्तव्य आधारित नैतिकता में अन्तर
(1) कर्त्तव्य आधारित नैतिकता के लिए एक दृष्टिकोण है जो इस सिद्धान्त का पालन करता है कि एक अन्त साधनों को सही नहीं ठहराता है जबकि टेलीलॉजी (दूरसंचार नैतिकता) के लिए एक दृष्टिकोण है जो इस सिद्धान्त का पालन करता है कि अंत हमेशा साधनों को सही ठहराता है।
(2) Deontology को कर्त्तव्य आधारित नैतिकता के रूप में जाना जाता है जबकि Telelogy को परिणाम उन्मुख नैतिकता के रूप में भी जाना जाता है।
(3) Deontology निष्पक्ष होना सिखाती है जबकि टेलीलॉजी किसी भी कार्य को करने के बारे में सिखाती है।
(4) टेलीलॉजी परिणामों की भविष्यवाणी करने के लिए पिछले अनुभवों की जाँच करती है जबकि डेटालॉजी प्रत्येक व्यक्ति में स्थापित नैतिक मूल्यों के आधार पर पायी जाती है।
(5) Deontology निष्पक्ष होना सिखाती है और स्वार्थी कारणो से दूसरों का उपयोग नहीं करना सिखाती जबकि टेलीलॉजी किसी भी कार्य को करने के बारे में सिखाती है।
(6) टेलीलॉजिकल एथिक्स किसी भी कार्य की अच्छाई या बुराई को उसके परिणामों की जाँच करके निर्धारित करता है। डिओन्टोलॉजिकल एथिक्स (कर्त्तव्य आधारित नैतिकता) कार्य की जाँच करके ही कार्य की अच्छाई या बुराई को निर्धारित करता है।
(7) टेलीलॉजिकल एथिक्स (दूरसंचार नैतिकता) व्यू जेरेमी बेंथम द्वारा पेश किया गया जबकि डिओन्टोलॉजिकल एथिक्स ( कर्त्तव्य आधारित नैतिकता) व्यू इम्मानुएल कान्ट द्वारा पेश किया गया।
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